नई दिल्ली, Nit. :
भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटे में इसके संक्रमण के चलते 32 मौतें दर्ज की गई हैं. कोरोना वायरस के 773 नए मामले भी सामने आए हैं. इसके साथ ही देश में इस वायरस से कुल मौतों का आंकड़ा 166 तक पहुंच गया है जबकि 5734 लोग इसकी चपेट में हैं. पूरी दुनिया के लिए यह आंकड़ा करीब 88 हजार और 15 लाख है.
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट के चलते देश में घोषित 21 दिन का लॉकडाउन आगे बढ़ने की संभावना है. उन्होंने यह भी कहा कि यह एक बार में खत्म नहीं होगा. उन्होंने ये बातें कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई एक सर्वदलीय बैठक में कहीं. मौजूदा लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर इस मसले पर अंतिम निर्णय लेंगे लेकिन, यह संभावना नहीं है कि लॉकडाउन अभी जल्दी खत्म होगा.
कल ही सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस की जांच को लेकर एक बड़ा आदेश दिया है. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि पूरे देश में कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में करायी जाए और निजी लैब्स को इसके पैसे सरकार दे. बीते हफ्ते कोरोना वायरस की जांच को लेकर निजी लैब्स द्वारा लिए जा रहे 4,500 रुपये के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण और एस रवींद्र भट की पीठ ने केंद्र सरकार को इसके लिए नीति बनाने का निर्देश दिया.
कोरोना वायरस की जांच को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीती 21 मार्च को दिशा-निर्देश जारी किए थे. इनमें कहा गया था कि कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए अधिकतम 4,500 रुपये तक ही वसूले जा सकते हैं, जबकि किसी संदिग्ध मरीज के स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए 1,500 रुपये से ज्यादा नहीं लिए जा सकते हैं. यह भी कहा गया था कि अगर स्क्रीनिंग टेस्ट में रिजल्ट पॉजिटिव आए और उसकी पुष्टि के लिए फिर से जांच करनी हो तो इसके लिए मरीज से केवल 3,000 हजार रुपये ही लिए जा सकते हैं. दिशा-निर्देश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गयी थी.
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