नई दिल्ली, Nit. :
एक अहम फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों की पहचान की जाए और उन्हें 15 दिन के भीतर उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था हो. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि मजदूरों के खिलाफ लॉकडाउन के उल्लंघन के जो मामले दर्ज हुए हैं उन्हें वापस लिया जाए. उसने आगे कहा कि इन मजदूरों से ट्रेन या बस का किराया न लिया जाए और न ही इनसे खाने या पानी के पैसे लिए जाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का खुद संज्ञान लिया था. उसने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने घर पहुंच चुके मजदूरों की एक सूची भी बनाएं जिसमें यह जिक्र हो कि वे लॉकडाउन से पहले क्या काम करते थे. अदालत ने कहा कि ऐसे मजदूरों के काम का क्षेत्र पता लगाकर राज्य और केंद्र सरकारें उनके रोजगार के लिए उसी तरह की योजनाएं बनाएं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी और उस दिन सरकारों को इस दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी देनी होगी.
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