गुरुग्राम सिविल कोर्ट के निर्देश के बाद यहां की जिला पुलिस ने शनिवार को मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल और उसके चेयरमैन एवं प्रमोटर डॉ. नरेश त्रेहन के खिलाफ भ्रष्टाचार और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में एफआईआर दर्ज की।
सदर एसीपी अमन यादव ने इस एफआईआर की पुष्टि की और कहा कि धन शोधन अधिनियम 2002 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
यादव ने कहा, प्राथमिकी के आधार पर जांच जारी है। इसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
एफआईआर मेदांता चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन और उनके 52 सहयोगियों के खिलाफ दर्ज की गई है जिसमें सुनील सचदेवा, अतुल पुंज, अनंत जैन, ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड और पुंज लॉयड शामिल हैं।
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा ने तीन दिन पहले एक जनहित याचिका (पीआईएल) अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत में दायर की थी। इसके बाद न्यायाधीश ने शनिवार को 24 घंटे के अंदर गुरुग्राम पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
शर्मा ने जून 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद मामले को हरियाणा पुलिस को जांच के लिए भेज दिया गया था। शर्मा ने कहा, गुरुग्राम पुलिस ने ईडी द्वारा अग्रेषित शिकायत पर कार्यवाही नहीं की इसलिए मैं अदालत में गया।
शिकायत दर्ज करते हुए शर्मा ने आरोप लगाया कि मेदांता अस्पताल में एक मेडिकल कॉलेज, अनुसंधान केंद्र, नर्सिंग स्टाफ क्वार्टर, मरीजों व उनके तीमारदारों (परिवार के लोग) के लिए गेस्ट हाउस और कई अन्य सुविधाएं विकसित करने की परियोजना थी, लेकिन इसके प्रमोटर ने केवल अस्पताल को ही विकसित किया। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य राज्यों में मौजूद अन्य परियोजनाओं में धन का दुरुपयोग किया गया।
शर्मा ने कहा, मैंने अदालत से 52 व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आग्रह किया, जो अस्पताल के निर्माण में शामिल हैं और 1,000 करोड़ रुपये का अनुदान ले चुके हैं। इसके अलावा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के मुख्य प्रशासक, इसके गुरुग्राम प्रशासक और संपदा अधिकारी को भी अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
-एजेंसियां
सदर एसीपी अमन यादव ने इस एफआईआर की पुष्टि की और कहा कि धन शोधन अधिनियम 2002 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
यादव ने कहा, प्राथमिकी के आधार पर जांच जारी है। इसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
एफआईआर मेदांता चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन और उनके 52 सहयोगियों के खिलाफ दर्ज की गई है जिसमें सुनील सचदेवा, अतुल पुंज, अनंत जैन, ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड और पुंज लॉयड शामिल हैं।
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा ने तीन दिन पहले एक जनहित याचिका (पीआईएल) अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत में दायर की थी। इसके बाद न्यायाधीश ने शनिवार को 24 घंटे के अंदर गुरुग्राम पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
शर्मा ने जून 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद मामले को हरियाणा पुलिस को जांच के लिए भेज दिया गया था। शर्मा ने कहा, गुरुग्राम पुलिस ने ईडी द्वारा अग्रेषित शिकायत पर कार्यवाही नहीं की इसलिए मैं अदालत में गया।
शिकायत दर्ज करते हुए शर्मा ने आरोप लगाया कि मेदांता अस्पताल में एक मेडिकल कॉलेज, अनुसंधान केंद्र, नर्सिंग स्टाफ क्वार्टर, मरीजों व उनके तीमारदारों (परिवार के लोग) के लिए गेस्ट हाउस और कई अन्य सुविधाएं विकसित करने की परियोजना थी, लेकिन इसके प्रमोटर ने केवल अस्पताल को ही विकसित किया। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य राज्यों में मौजूद अन्य परियोजनाओं में धन का दुरुपयोग किया गया।
शर्मा ने कहा, मैंने अदालत से 52 व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आग्रह किया, जो अस्पताल के निर्माण में शामिल हैं और 1,000 करोड़ रुपये का अनुदान ले चुके हैं। इसके अलावा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के मुख्य प्रशासक, इसके गुरुग्राम प्रशासक और संपदा अधिकारी को भी अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
-एजेंसियां
Follow on Social Media