जानिए क्या है ये पूरा मामला?
30 अक्टूबर की शाम को तीन लोगों ने गुलनाज को केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया था। गुलनाज ने गांव के दबंगों की गलत हरकतों का विरोध किया था और सिर्फ इसकी ये भयकंर सजा उसको दी गई। 15 दिनों तक गुलनाज मौत से लड़ती रही, लेकिन आखिर में वो हार गई। 14-15 नवंबर की रात को गुलनाज की मौत हो गई थी, जिसके बाद इस मामले ने काफी तूल पकड़ा।
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गुलनाज को जिंदा जलाए जाने के बाद हाजीपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। यहां पर नगर थाना के पुलिस अधिकारी ने उसका बयान लिया। इसके बाद अगले दिन उसे पटना के PMCH में एडमिट कराया गया। इसके बाद उसका दो वीडियो सामने आए, जिसमें उसने अपनी आपबीती बताई।
वीडियो वायरल हो जाने के बाद एसडीपीओ महानार घटनास्थल पहुंचे। 2 नवंबर को मामला दर्ज किया गया। इसके बाद 14-15 नवंबर की रात को दम तोड़ दिया। इसके बाद इंसाफ की मांग को लेकर पटना में परिजन धरने पर बैठ गए।
आज हुई पहली गिरफ्तारी
15 की रात को शव चंदपुरा पहुंचा और अंतिम संस्कार किया गया। 15 दिनों तक मामले में कोई भी गिरफ्तारी नहीं होने पर स्थानीय चंदपुरा थाने के एसएचओ को निलंबित किया गया। मंगलवार यानी 17 नवंबर को इस केस में पहली गिरफ्तारी हुई। वहीं बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
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इस मामले को लेकर बीते दिन ही गठित हुई नीतीश सरकार की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई है। कानून व्यवस्था को लेकर बिहार की नीतीश सरकार सवालों के घेरे में बनी हुई है। वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मामले को लेकर नीतीश सरकार को घेरा है।
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