कृषि विधेयक को लेकर जिले में भारत बंद का आंशिक असर मालुम पड़ा। भाकियू कार्यकर्ताओं ने जरूर सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई मगर मुख्य मार्ग को जाम नहीं कर सके। नवाबगंज में किसानों ने बाजार में जुलूस निकाला। यहां पर भकियू के एक गुट के कार्यकर्ताओं को रोकने पर पुलिस से नोकझोंक हो गई। नेकपुर पुल पर सपाइयों को पुलिस ने दौड़ा लिया। सपाई किसान आंदोलन को समर्थन देने जा रहे थे। भीम आर्मी के चीफ को पुलिस ने पीट दिया। पुलिस ने अभद्रता के मामले में भीम आर्मी के चीफ समेत उनके चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
कृषि विधेयक को लेकर मंगलवार को भारत बंदी का आह्वान किया गया था। राजनैतिक दलों के समर्थन के बाद जिले में बंदी का असर नहीं दिखाई पड़ा। इतना अवश्य था कि बाजारों में विभिन्न आशंकाओं के चलते भीड़ भाड़ कम थी। सुबह से ही पुलिस बंद को लेकर अलर्ट हो गई थी। शहर में सेक्टर मजिस्ट्रेट से लेकर उच्चाधिकारी भ्रमणशील रहकर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखे थे। पुलिस ने आंदोलन की गरमाहट न हो इसको देखते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय कटियार को उनके घर पर और सपा जिलाध्यक्ष नदीम अहमद फारुकी को भी नजरबंद कर दिया। इससे पुलिस को राहत मिली। जिलाध्यक्षों को नजरबंद करने से सपाइयों और कांग्रेसियों का उत्साह फीका पड़ गया। नवाबगंज में भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। यहां कृषि विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसान रामलीला ग्राउंड में इकट्ठे हुए और मुख्यबाजार में रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था के मद़्देनजर भारी फोर्स जमा था। जिलाध्यक्ष अरविंद शाक्य की अगुआई में किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम तहसीलदार को मांग पत्र दिया। वहीं भाकियू टिकैत गुट के आंदोलन में जा रहे भाकियू लोकशक्ति के जिलाध्यक्ष सत्यभान झा को समर्थकों सहित पुलिस ने रोक लिया। इस पर जिलाध्यक्ष की सीओ से नोकझोंक हूुई। जिलाध्यक्ष को काफिल के साथ वापस कर दिया गया। इस दौरान राजू, जयवीर, अश्वनी, हरिओम, अवनीश आदि मौजूद थे। नवाबगंज कस्बे के बाजार में कुछ दुकानें बंद थीं। जो शाम को खुल गईं। आंदोलन के दौरान जन अधिकार मंच के कार्यकर्ता और सपा कार्यकर्ता भी शामिल रहे।
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